About School
इस निमित्त वह शिशु सभा , शारीरिक कार्यक्रम, रंगमंचीय कार्यक्रम, शिविर ,वन विहार, देशदर्शन, यात्रा सरस्वती पूजा, मूल्यांकन , क्रियान्वयन, आदि की सुव्यवस्था देने की सफल कोशिश कर रहे हैं। Note gold but men can make a nation strong उत्साही आचार्य आचार्या के संसर्ग में अपने मैंने बहन महान कवि बच्चन के साथ सताल नर्तन करने को मचल रहे है. हम आने वाले दुनिया में, हम कुछ कर दिखलाएंगे भारत के ऊंचे माथे को ऊँचा और उठाएंगे । विद्या मंदिर का वातावरण पारस्परिक परिवारिक प्रेम एवं स्नेह से ओतप्रोत है मंदिर की भांति शुद्ध एवं चरित्र स्वच्छता निम्रता एवं भक्ति में अद्वितीय है विद्यालय का प्रारंभ शून्य कालांश वंदना तथा विसर्जन विशेष रूप से संस्कारक्षम होते है । भारतियतानुकूल शैक्षणिक प्रविकीर्णन से अभी भूत होकर मान्यवर सर्वश्री महाप्राण स्व रामेश्वर लाल खंडेलवाल एवं उनके पुत्रों द्वारा प्रदत भूमि पर स्थानीय शिक्षानुरागियों द्वारा वैचारिक सहयोग से यह विद्यालय साकार रूप पा रहा है ।